एक पदार्थ विशेष की तार को धीरे $-$ धीरे खींच कर $10 \%$ बड़ा कर लिया गया है। नई अवस्था में इसका प्रतिरोध और विशेष प्रतिरोध क्रमानुसार पहली अवस्था की तुलना में हो जायेंगे :
[2008]
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$R =\rho \frac{\ell}{ a }$
नयी लम्बाई, $\ell^{\prime}=\ell+\frac{\ell \times 10}{100}=\frac{11 \ell}{10}$
$\therefore$ नयी क्षेत्रफल, $A ^{\prime}= A -\frac{ A \times 10}{10}=\frac{9 A }{10}$
$\therefore$ नयी प्रतिरोध, $R ^{\prime}=\rho \frac{\ell^{\prime}}{ A ^{\prime}}$
$=\rho\left(\frac{\frac{11 \ell}{10}}{\frac{ A }{10}}\right)$
$ =\frac{11}{9} \times\left(\rho \frac{\ell}{ A }\right)=\frac{11}{9} R$
$=1.21 R $
अतः नयी प्रतिरोध $1.21$ गुणा बढ़ जायेगा। लेकिन इसकी विशिष्ट प्रतिरोध अपरिवर्तित रहेगी क्योंकि यह सिर्फ तार की प्रकृति पर निर्भर करता है।
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हमारे पास $R=10 \Omega$ के कुछ प्रतिरोध हैं जो कि उच्चतम धारा $1 A$ सहन कर सकते है। हमें इन्हें जोड़कर $5 \Omega$ का तुल्य प्रतिरोध बनाना है जो कि $4 A$ की धारा सहन कर सके। बताइये इस कार्य के लिए कितने कम से कम प्रतिरोधों की आवश्यकता होगी।
विद्युतवाही एक लूप $($पाश$)$ में दो एक समान अर्धवृत्ताकार भाग है। प्रत्येक की त्रिज्या $R$ है। एक $x-y$ समतल में और दूसरा $x-z$ समतल में स्थित है। यदि लूप $($पाश$)$ में विद्युत धारा $i$ हो तो, उनके उभयनिष्ठ केन्द्र पर दोनों अर्धवृत्ताकार भागों के द्वारा उत्पन्न परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र है
नगण्य प्रतिरोध का एक ताप-विद्युत युग्म, ताप के रेखीय परिसर में $40 \mu V /{ }^{\circ} C$ विद्युत वाहक बल (ई.एम.एफ) उत्पन्न करता है। इस ताप विद्युत युग्म के साथ 10 ओम प्रतिरोध का एक गैल्वेनोमीटर लगाया गया है, जिसकी सुग्राहिता $1 \mu A / div$ भाग है, तो इस निकाय (तंत्र) द्वारा संसूचित की जा सकने वाले न्यूनतम तापान्तर का मान होगा:
$10^{-2} kg$ द्रव्यमान के किसी कण पर $5 \times 10^{-8} C$ का आवेश है। इस कण को विद्युत क्षेत्र $\bar{E}$ और चुम्बकीय क्षेत्र $\vec{B}$ की उपस्थिति में $10^{-5} ms ^{-1}$ का क्षैतिज वेग दिया जाता है। कण के क्षैतिज दिशा में गति करते रहने के लिये यह आवश्यक है कि
(1) $\vec{B}$ वेग की दिशा के लम्बवत् और $\bar{E}$ वेग की दिशा के अनुदिश हो
(2) $\vec{B}$ और $\vec{E}$ दोनों ही वेग की दिशा के अनुदिश हो
(3) $\vec{B}$ और $\vec{E}$ दोनों आपस में और वेग की दिशा के लम्बवत् हों
(4) $\vec{B}$ वेग की दिशा को अनुदिश और $\vec{E}$ उसके लम्बवत् हो
निम्नलिखित प्रकथनों के युग्मों में से कौन सा संभव है?
दर्शाये गये परिपथ में दो सेलों $A$ तथा $B$ का प्रतिरोध नगण्य है, जब $V_A=12 V , R_1=500 \Omega$ तथा $R=100 \Omega$ है तो, गैल्वेनोमीटर $(G)$ में कोई विक्षेप नहीं होता है। $V_B$ का मान है :