एक रेडियो ट्रांसमीटर $880\ kHz$ तथा $10\ kW$ पर कार्य करता है। प्रति सेकण्ड कितने फोटॉंन निकलेंगे $-$
[1990]
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प्रति सेकण्ड निकलने वाले फोटॉन,
$ n =\frac{ P }{ h v}$
$=\frac{10000}{6.6 \times 10^{-34} \times 880 \times 10^3}$
$n =1.72 \times 10^{31} $
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किसी हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था $n$ से न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में संक्रमण करता है (कूदता) है। इससे विकिरित तरंगदैर्ध्य का प्रकाश एक ऐसे प्रकाशसंवेदी पदार्थ को प्रदीप्त करता है जिसका कार्यफलन $2.75 eV$ है। यदि प्रकाश विद्युत इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव $10 V$ है तो $n$ का मान होगा:
जब $I$ तीव्रता के एकवर्णी विकिरण, किसी धातु की सतह पर टकराते हैं तो, फोटॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः $N$ और $T$ है। यदि विकिरणों की तीव्रता $2 I$ हो तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः होंगे
किसी धातु से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन के लिए निरोधी (अंतक) आवृत्ति $v$ है। यदि इस धातु पर $2 v$ आवृत्ति के विकिरण आपतित हों तो, उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम संभावित वेग होगा: ( $m$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान है।)
किसी प्रकाश सुग्राही धातु के लिये, देहली आवृत्ति $3.3 \times 10^{14} Hz$ है। यदि इस धातु पर $8.2 \times 10^{14} Hz$ आवृत्ति का प्रकाश आपतित हो तो प्रकाश विद्युत उत्सर्जन के लिए निरोधी $($अन्तक$)$ वोल्टता होगी, लगभगः