किसी धातु से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन के लिए निरोधी (अंतक) आवृत्ति $v$ है। यदि इस धातु पर $2 v$ आवृत्ति के विकिरण आपतित हों तो, उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम संभावित वेग होगा: ( $m$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान है।)
[2013]
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(b) प्रकाश-वैद्युत समीकरण से
$
h v^{\prime}= h v+ K _{\max }
$
$h .2 v = hv +\frac{1}{2} mV _{\max }^2 \quad\left[\therefore v ^{\prime}=2 v \right]$
$
\Rightarrow hv =\frac{1}{2} mV _{\max }^2 \Rightarrow V _{\max }=\sqrt{\frac{2 hv }{ m }}
$
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एक इलेक्ट्रान, हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम उत्तेजित अवस्था से उसकी निम्नतम अवस्था में संक्रमण करता है। इससे उत्सर्जित एकवर्णी विकिरण किसी प्रकाश सुग्राही पदार्थ को किरणित करता है। इसका निरोधी विभव $3.57 V$ मापा गया है। इस पदार्थ की देहली आवृत्ति है :
किसी हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था $n$ से न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में संक्रमण करता है (कूदता) है। इससे विकिरित तरंगदैर्ध्य का प्रकाश एक ऐसे प्रकाशसंवेदी पदार्थ को प्रदीप्त करता है जिसका कार्यफलन $2.75 eV$ है। यदि प्रकाश विद्युत इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव $10 V$ है तो $n$ का मान होगा:
इस चित्र में एक प्रकाश सुक्रीय तल पर तीन विभिन्न विकिरणों के लिये प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ माना जायेगा?
एक धातु का कार्यफलन $hv v _0$ है। यदि इस पर $2 hv _0$ की ऊर्जा का प्रकाश डाला जाए तो $4 \times 10^6$ मी/सेकण्ड की गति वाले इलैक्ट्रान बाहर निकलते हैं। यदि $5 h v_0$ ऊर्जा वाली प्रकाश डाले जाए तो निकले इलैक्ट्रान की अधिकतम गतिज ऊर्जा है
5 वाट का एक स्त्रोत $5000 A$ तरंगदैध्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। $0.5$ मी की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश संवेदी धात्विक तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्त्रोत को तल से $1.0$ मी की दूरी पर ले जाया जायेगा तो विमुक्त प्रकाशी इलेक्ट्रॉनों की संख्या
एक मिलीग्राम द्रव्यमान का एक गतिशील कण उतना ही तरंगदैर्ध्य रखता है जितना की $3 \times 10^6\ ms ^{-1}$ चाल से चलने वाला इलेक्ट्रॉन। कण की चाल होगी:
$($इलैक्ट्रान का द्रव्यमान $=9.1 \times 10^{-31} \ kg )$
$0.25\ Wb / m ^2$ तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति में एक $\alpha-$कण $0.83 \ cm$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ में गति करता है तो, इस कण से सम्बद्ध दे $-$ ब्रॉग्ली तरंगदैध्ध्य होगी :
हाइड्रोजन अणु की ऊर्जा, मुख्य क्वाण्टम संख्या के साथ $E =-\frac{13.6}{ n ^2} eV$ है। यदि एक इलैक्ट्रान $n =3$ से $n =2$में कूत्ता है तो निकले फोटोंन की ऊर्जा है: