एक सीटी की आवृत्ति $385$ हर्टज है इसे $50$ सेमी त्रिज्या के क्षैतिज वृत्त में $20$ रेडियन/सेकंड के कोणीय वेग से घुमाया जाता है। श्रोता को कितनी न्यूनतम आवृत्ति सुनायी देगी जब वह केन्द्र से अधिकतम दूरी पर हो। हवा में ध्वनि का वेग $340$ मी/सेकंड है।
[2002]
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$(c)$ स्रोत का वेग
$ v _{ s }= r \omega=0.50 \times 20$
$=10 \ ms ^{-1}$
$N ^{\prime}=\frac{ v }{ v + v _{ s }} N $
$=\frac{340 \times 385}{340+10}=374 Hz $
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$512 Hz$ आवृति का एक स्वरित्र द्विभुज, किसी प्यानो के कम्पमान तार के साथ प्रति सेकंड 4 विस्पन्द उत्पन्न करता है। प्यानो के तार पर थोड़ा सा तनाव बढ़ाने पर विस्पन्दों की आवृति 2 प्रति सेकंड हो जाती है। तनाव बढ़ाने से पहले प्यानो के तार की आवृति थी
यदि किसी रस्सी को तीन खंडों में विभाजित करने पर उन खंडों की मूल आवृत्तियां क्रमश: $n _1, n _2$ तथा $n _3$ हों, तो इस रस्सी की प्रारम्भिक मूल आवृति $n$ के लिए सम्बन्ध होगा
एक ध्वनि के स्रोत को जब दूसरे स्रोत $( f =100 Hz )$ के साथ ध्वनित किया जाता है तो वह 5 विस्पंद/सेकंड बनाता है। यदि दूसरे स्रोत की आवृत्ति 205 हर्टज कर दी जाए तो यह 5 विस्पंद/सैकंड बनाता है। तो पहले स्रोत की आवृत्ति क्या होगी?
यदि वायु में ध्वनि का वेग $340$ मी/से हो तो $,1250$ हर्ट्ज से कम आवृत्ति वाले 85 सेमी लम्बे एक सिरे पर बन्द नलिका $($पाइप$)$ में वायु $-$ स्तम्भ के संभव प्राकृतिक दोलनों की संख्या होगी
एक तरंग जो सरल आवर्तगति करती है उसका आवर्तकाल 4 सेकंड तथा दूसरी तरंग का आवर्तकाल 3 सेकंड है। यदि दोनों तरंगों का संयोजन कर दिया जाये तो इस नयी तरंग का आवर्तकाल क्या होगा-
एक खिंचे तार में बनी तरंग की आवृत्ति 100 हर्टज है, जबकि वह दृढ़ सिरे की ओर चलती है। जब ये तरंग परावर्तन के बाद वापस आती है तो दृढ़ सिरे से 10 सेमी दूरी पर एक नोड बनती है। तरंग वेग का मान होगा।
एक डोरी दो स्थिर बिन्दुओं के बीच खिची है। इन बिन्दुओं के बीच की दूरी $75.0 cm$ है। इस डोरी की दो अनुनाद आवृत्तियाँ $420 Hz$ तथा $315 Hz$ है। इन दोनो के बीच में कोई अन्य अनुनाद आवृत्ति नहीं है, तो इस डोरी के लिए न्यूनतम अनुनाद आवृत्ति है
किसी स्ट्रिंग (डोरी) को $\ell_1, \ell_2$ तथा $\ell_3$ लम्बाई के तीन भागों में विभाजित करने पर उनकी मूल आवृत्तियाँ क्रमश: $v_1, v_2$ तथा $v_3$ हैं तो, स्ट्रिंग की मूल आवृत्ति होगी: