ग्रेट ब्रिटेन के 'आदर्श राष्ट्र-राज्य' बनने के प्रमुख कारण निम्न प्रकार हैं-
ब्रिटेन में राष्ट्र-राज्य का निर्माण अचानक हुई कोई उथल-पुथल अथवा क्रान्ति का परिणाम नहीं था, बल्कि यह एक लम्बी चलने वाली प्रक्रिया का परिणाम था।
ब्रिटेन में अंग्रेज, वेल्स, स्कॉटिश व आयरिश आदि जातीय समूह थे, जिनकी मुख्य पहचान नृजातीय थी।
जैसे-जैसे आंग्ल राष्ट्र की शक्ति, धन-सम्पत्ति तथा गौरव की वृद्धि हुई तो वह द्वीप-समूह के अन्य जातीय समूहों एवं राष्ट्रों पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सफल हुए।
एक लम्बे टकराव तथा संघर्ष के बाद आंग्ल संसद ने 1688 में राजतंत्र से ताकत छीन ली। इस संसद के माध्यम से एक राष्ट्र-राज्य का निर्माण हुआ जिसके केन्द्र में इंग्लैण्ड था।
1707 ई. में इंग्लैण्ड और स्कॉटलैण्ड के बीच एक्ट ऑफ यूनियन हुआ जिससे 'यूनाइटेड किंग्डम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन' का गठन हुआ।
अंग्रेजों ने आयरलैण्ड में प्रोटेस्टेन्ट धर्म मानने वालों की बहुसंख्यक कैथोलिक देश पर प्रभुत्व बढ़ाने में सहायता की तथा 1801 ई. में आयरलैण्ड को बलपूर्वक यूनाइटेड किंग्डम में शामिल कर लिया।
इस प्रकार एक नये 'ब्रितानी राष्ट्र' का निर्माण हुआ जिसे कुछ विद्वानों ने 'आदर्श राष्ट्र-राज्य' का नाम दिया।