इन्द्रधनुष वर्षा के पश्चात् आकाश में जल के सूक्ष्म कणों में दिखाई देने वाला प्राकृतिक स्पैक्ट्रम है। वायुमंडल में उपस्थित जल की बूँदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेप के कारण प्राप्त होता है। इन्द्रधनुष सदैव सूर्य के विपरीत दिशा में बनता है।
जल की सूक्ष्म बूँदें छोटे प्रिज्मों की भाँति कार्य करती हैं। सूर्य के आपतित प्रकाश को ये बूँदें अपवर्तित तथा विक्षेपित करती हैं, तत्पश्चात इसे आंतरिक परावर्तित करती हैं, अंततः जल की बूँद से बाहर निकलते समय प्रकाश को पुनः अपवर्तित करती है। प्रकाश के परिक्षेपण तथा आंतरिक परावर्तन के कारण विभिन्न वर्ण प्रेक्षक के नेत्रों तक पहुँचते हैं।