नही, क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाला तारों का प्रकाश पृथ्वी पर पहुँचने से पहले निरंतर अपवर्तित होता रहता है।
जैसे कि हम जानते है, शीर्ष से तल की ओर चलने पर वायुमंडलीय परतों का घनत्व बढ़ता जाता है। अतः तारों का प्रकाश पृथ्वी पर पहुँचने से पहले निरंतर अपवर्तित होता रहता है।
क्योंकि वायुमंडल तारों के प्रकाश को अभिलम्ब की ओर झुकाता है, अतः तारों की आभासी स्थिति वास्तविक स्थिति से थोड़ा भिन्न होती है। अतः, तारे अपनी वास्तविक स्थिति से थोड़ा ऊपर प्रतीत होते हैं।