इलैक्ट्रॉन के आवेश की गणना कर किसने अप्रत्यक्ष रूप से इलैक्ट्रॉन के द्रव्यमान का पता लगाया
[2000]
Download our app for free and get started
(d)
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
निम्न स्तर पर $H _2$ अणु की त्रिज्या $5.3 \times 10^{-11}$ मी है। एक इलैक्ट्रॉन के टकराने से त्रिज्या $21.2 \times 10^{-11}$ मी हो जाती है। मुख्य क्वाण्टम संख्या होगी $-$
हाइड्रोजन अणु का आयनीकरण विभव $13.6 eV$ है। निम्न स्तर के हाड्रोजन अणु को उत्तेजित स्तर में लाने हेतु $12.1 eV$ ऊर्जा वाला फोटॉन डालना पड़ता है। बोर सिद्धान्त के अनुसार स्पैक्ट्रम लाइनों की संख्या होगी
हाइड्रोजन के समान किसी परमाणु में $n=3$ अवस्था से $n=1$ अवस्था में संक्रमण से पराबैगनी विकिरणों का उत्सर्जन होता है। इसी परमाणु में अवरक्त किरणों का उत्सर्जन होगा यदि संक्रमण हो :
जब द्रव्यमान ' $m$ ' तथा वेग ' $v$ ' से गतिमान कोई $\alpha$ कण 'Ze' आवेश के किसी भारी नाभिक पर बमबारी करता है, तो उसकी नाभिक से निकटतम उपगमन की दूरी, $m$ पर इस प्रकार निर्भर करती है :
निम्नतम ऊर्जा स्थिति में हाइड्रोजन परमाणु को $975 A$ तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश से उत्तेजित किया जाता है तो, परिणामी स्पैक्ट्रम में स्पैक्ट्रम रेखाओं की संख्या होगी
किसी हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था $n$ से न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में संक्रमण करता है (कूदता) है। इससे विकिरित तरंगदैर्ध्य का प्रकाश एक ऐसे प्रकाशसंवेदी पदार्थ को प्रदीप्त करता है जिसका कार्यफलन $2.75 eV$ है। यदि प्रकाश विद्युत इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव $10 V$ है तो $n$ का मान होगा: