एक ड्यूट्रॉन एक दिये हुए चुम्बकीय क्षेत्र $B$ के लम्बवत् तल में $0.5$ मीटर वाले वृत्तीय पथ पर गति करता है। इसकी गतिज ऊर्जा $50 \ keV$ है। यदि इस वृतीय पथ पर तथा इसी चुम्बकीय क्षैत्र में प्रोट्रॉन गतिमय हो तो इसकी गतिज ऊर्जा होगी-
[1991]
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$(d) \frac{ mv ^2}{ r }= Bqv \Rightarrow v =\frac{ Bqr }{ m }$
$mv ^2= Bqvr \Rightarrow E _{ k }=\frac{1}{2} m v^2$
$=\frac{1}{2} Bqvr =B q \frac{ r }{2} \cdot \frac{ Bqr }{ m }=\frac{ B ^2 q ^2 r ^2}{2 m } $
ड्यूट्रॉन के लिए
$ E_1=\frac{B^2 q^2 r^2}{4 m} $
प्रोटॉन - के लिए
$ E_2=\frac{B^2 q^2 r^2}{2 m}$
$\frac{E_1}{E_2}=\frac{1}{2}=\frac{50}{E_2} \Rightarrow E_2=100 \ KeV $
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