ईसाई मिशनरियों ने आदिवासी समाज में असंतोष पैदा कर दिया, कैसे?
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आदिवासियों को शिक्षा देने के उद्देश्य से ईसाई मिशनरियों का भी उनके इलाके में आगमन हुआ । ईसाई मिशनरियों का वास्तविक उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों पर अपना वर्चस्व स्थापित करना तथा उनका धर्म परिवर्तन करना था। उन्होंने आदिवासी के धर्म एवं उनकी संस्कृति की आलोचना करना शुरू कर दिया और बहुत से आदिवासियों का धर्म परिवर्तन भी करा डाला। ईसाई मिशनरियों ने उन्हें यह प्रलोभन दिया वह सेठ, साहुकारों एवं महाजनों से उनकी रक्षा करेगी।

परन्तु वास्तविकता कुछ और ही थी। ये मिशनरियां सेठ, साहुकार, जमींदार एवं बिचौलिए के साथ मिलकर आदिवासियों का खूब आर्थिक एवं शारीरिक शोषण करती थी । इन्हीं कारणों से आदिवासी समाज में ईसाई मिशनरियों के प्रति असंतोष पैदा हुआ। आखिरकार अंग्रेजों एवं गैर आदिवासियों के खिलाफ आदिवासियों ने जगह-जगह पर अस्त्र-शस्त्र उठा लिया।
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