जाति और समाज सुधार के लिए समाज सुधारकों द्वारा किये गये कुछ प्रयास निम्न प्रकार हैं-
(1) राममोहन रॉय ने जाति व्यवस्था की आलोचना करने वाले एक पुराने बौद्ध ग्रन्थ का अनुवाद किया।
(2) प्रार्थना समाज, जो भक्ति परम्परा का समर्थक था, ने सभी जातियों की आध्यात्मिक समानता पर जोर दिया था।
(3) जाति उन्मूलन के लिए काम करने के लिए बम्बई में 1840 में परमहंस मण्डली का गठन किया गया।
(4) इन सुधारकों और सुधार संगठनों के सदस्यों में से बहुत सारे ऊँची जातियों के लोग थे। गुप्त बैठकों में ये सुधारक भोजन और स्पर्श जैसे मामलों में जातीय कायदे- कानूनों का उल्लंघन करते थे जिससे अपने जीवन में भी जातीय पूर्वाग्रहों और बन्धनों से निजात पा सकें।
(5) कई लोग ऐसे भी थे जो जाति आधारित समाज व्यवस्था में होने वाले अन्याय के विरुद्ध थे।