जल के (स्वाभाविक) प्राकृतिक गुणों में अंतर आना या जल में अवांछित पदार्थों का मिल जाना, जो जीवन के लिए हानिकारक होता है, जल प्रदूषण कहलाता है । जल प्रदूषण के निम्न स्रोत हैं
- घरेलू कूड़ा-करकट
- औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ
- नगरीय क्षेत्रों का गंदा जल
- परिवहन एवं यातायात दुर्घटनाएँ
इस प्रदूषित जल को पीने से कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं । जैसे-उल्टी आना, किडनी का खराब होना, पेट दर्द, सिर दर्द, डायरिया, छाती दर्द, हड्डी का विकृति, वजन घटना, दिमागी विकृति इत्यादि।
जल प्रदूषण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करना चाहिए
(क) नदियों, तालाबों में अपशिष्ट पदार्थों को डालने पर प्रतिबंध लगाना।
(ख) अजैविक खादों के उपयोग पर रोक लगाना ।