1848 में जर्मनी में हुई उदारवादियों की क्रान्ति-फ्रांस की 1848 की क्रान्ति से प्रभावित होकर 1848 में जर्मनी के उदारवादियों ने भी विद्रोह कर दिया । जर्मन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में राजनीतिक संगठनों ने फ्रैंकफर्ट शहर में मिलकर एक सर्व-जर्मन नेशनल असेंबली के पक्ष में मतदान का निर्णय लिया। 18 मई, 1848 को फ्रेंकफर्ट में संसद का अधिवेशन शुरू हुआ। निर्वाचित प्रतिनिधियों ने जर्मन राष्ट्र के लिए एक संविधान का प्रारूप बनाया जिसमें राजा को संसद के अधीन रहना था। जब संसद के निर्वाचित सदस्यों ने प्रशा के सम्राट फ्रेडरिख विलियम चतुर्थ से ताज पहनने का अनुरोध किया, तो उसने उसे अस्वीकार कर दिया। इस पर कुलीन वर्ग और सेना का विरोध बढ़ गया और अन्त में सेना को बुलाकर एसेम्बली को भंग कर दिया गया।