किसी अचल हाइड्रोजन परमाणु का एक इलेक्ट्रॉन पाँचवें ऊर्जास्तर से न्यूनतम अवस्था स्तर को गमन करता है तो, फोटॉन उत्सर्जन के परिणामस्वरूप परमाणु द्वारा प्राप्त वेग होगा : (जहाँ $m$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान, $R$, रिडबर्ग नियतांक और $h$ प्लांक नियतांक है।)
[2012]
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(a) उत्सर्जन के लिए विकिरण की तरंग संख्या
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\frac{1}{\lambda}=R z^2\left(\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}\right)
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$R=$ रिडबर्ग नियतांक, $Z=$ परमाणु संख्या
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=R\left(\frac{1}{1^2}-\frac{1}{5^2}\right)=R\left(1-\frac{1}{25}\right) \Rightarrow \frac{1}{\lambda}=R \frac{24}{25}
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रेखीय संवेग
$P=\frac{h}{\lambda}=h \times R \times \frac{24}{25}$ (डे-ब्रॉंग्ली परिकल्पना)
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\Rightarrow m v=\frac{24 h R}{25} \Rightarrow V=\frac{24 h R}{25 m}
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किसी हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था $n$ से न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में संक्रमण करता है (कूदता) है। इससे विकिरित तरंगदैर्ध्य का प्रकाश एक ऐसे प्रकाशसंवेदी पदार्थ को प्रदीप्त करता है जिसका कार्यफलन $2.75 eV$ है। यदि प्रकाश विद्युत इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव $10 V$ है तो $n$ का मान होगा:
हाइड्रोजन के बोर मॉडल मे अभिकेन्द्र बल तथा प्रोटॉन व इलैक्ट्रॉन के बीच लगने वाला कूलॉम बल एक दूसरे को संतुलित करते हैं। यदि $a_0$ निम्न स्तर की कक्षा की त्रिज्या, $m$ इलैक्ट्रान का द्रव्यमान, $e$ आवेश तथा $\varepsilon_0$ विद्युतशीलता हो तो इलैक्ट्रान का वेग
$\frac{1}{2} m v^2$ ऊर्जा का एक अल्फा कण-नाभिक, $Z e$ आवेश के एक भारी नाभिकीय लक्ष्य पर टकराता है। अल्फा-नाभिक के लिये समीपतम पहुँचने की दूरी, निम्नांकित में किसके अनुक्रमानुपाती होगी?