एक इलेक्ट्रान, हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम उत्तेजित अवस्था से उसकी निम्नतम अवस्था में संक्रमण करता है। इससे उत्सर्जित एकवर्णी विकिरण किसी प्रकाश सुग्राही पदार्थ को किरणित करता है। इसका निरोधी विभव $3.57 V$ मापा गया है। इस पदार्थ की देहली आवृत्ति है :
[2012]
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$ n \rightarrow 2-1$
$E=10.2 eV$
$k E=E-\phi$
$Q=10.20-3.57$
$h v_0=6.63 eV$
$U _0=\frac{6.63 \times 1.6 \times 10^{-19}}{6.67 \times 10^{-34}}$
$=1.6 \times 10^{15} Hz $
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