किसी निकाय में दो आवेश $q_A = 2.5 \times 10^{-7}C$ तथा क्रमश: $q_B = -2.5 \times 10^{-7}C$ दो बिन्दुओं $A:(0, 0, -15 \ cm)$ तथा $B:(0.0, 15 \ cm)$ पर स्थित हैं। निकाय का कुल आवेश तथा वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण क्या है?
Exercise - 1.9
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किसी काले बॉक्स के पृष्ठ पर वैद्युत क्षेत्र की सावधानीपूर्वक ली गई माप यह संकेत देती है कि बॉक्स के पृष्ठ से गुजरने वाला नेट फ्लक्स $8 \times 10^3$ न्यूटन$-$मी$^2$ कूलॉम है।
बॉक्स के भीतर नेट आवेश कितना है$?$
यदि बॉक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी फ्लक्स शून्य है तो क्या आप यह निष्कर्ष निकालेंगे कि बॉक्स के भीतर कोई आवेश नहीं है।
$10 \ cm$ त्रिज्या के चालक गोले पर अज्ञात परिमाप का आवेश है। यदि गोले के केन्द्र से $20 \ cm$ की दूरी पर वैद्युत क्षेत्र $1.5 \times 10^3$ न्यूटन$/$कूलॉम त्रिज्यतः अन्तर्मुखी है, तो गोले पर नेट आवेश कितना है?
मान लीजिए प्रश्न 12 में गोले A तथा B साइज में सर्वसम हैं तथा इसी साइज का तीसरा अनावेशित गोला पहले तो पहले गोले के सम्पर्क, तत्पश्चात दूसरे गोले के सम्पर्क में लाकर, अन्त में दोनों से हटा लिया जाता है। अब A तथा B के बीच नया प्रतिकर्षण बल कितना है?
दो वैद्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोले $A$ तथा $B$ के केन्द्रों के बीच की दूरी $50$ सेमी है। यदि दोनों गोलों पर पृथक$-$पृथक आवेश $6.5 \times 10^{-7} C $हैं, तो इनमें पारस्परिक स्थिर वैद्युत प्रतिकर्षण बल कितना है? गोलों के बीच की दूरी की तुलना में गोलों $A$ तथा $B$ की त्रिज्यायें नगण्य हैं।
यदि प्रत्येक गोले पर आवेश की मात्रा दो गुनी तथा गोलों के बीच की दूरी आधी कर दी जाए, तो प्रत्येक गोले पर कितना बल लगेगा?
$2.55 \times 10^4 NC^{-1}$ के नियत विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में $12$ इलेक्ट्रॉन आधिक्य की कोई तेल बूँद स्थिर रखी जाती है $($मिलिकन तेल बूँद प्रयोग$)$। तेल का घनत्व $1.26 \ g \ cm^{-3}$ है। बूँद की त्रिज्या का आकलन कीजिए।