किसी प्रिज्म के न्यूनतम विचलन कोण का मान उसके अपवर्तक कोण के बराबर होगा यदि प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक हो:
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न्यूनतम विचलन का कोण
$ \delta_{\min }=i+e-A $
न्यूनतम विचलन के लिये,
$ \delta_{\min }=A$ तब
$2 A=i+e$
$\delta_{\min } i=e$
$2 A=2 i r_1=r_2=\frac{A}{2}$
$i=A=90^{\circ} $
स्नेल के नियम से,
$1 \sin i=n \sin r_1$
$\sin A=n \sin \frac{A}{2}$
$2 \sin \frac{A}{2} \cos \frac{A}{2}=n \sin \frac{A}{2}$
$2 \cos \frac{A}{2}=n$
$\text { जब } A=90^{\circ}=i_{\min }$
$\text { तब } n_{\min }=\sqrt{2}$
$i=A=0 n_{\max }=2$
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एक दूरदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स का व्यास 10 सेमी है तथा यह दो वस्तुओं से 1 किमी दूरी पर स्थित है। दूरदर्शी द्वारा विभेदित दोनों वस्तुओं के बीच की न्यूनतम दूरी, जब प्रकाश की माध्य तरंगदैर्ध्य $5000 A$ है, होगी:
किसी खगोलीय दूरबीन के अभिदृश्यक और नेत्रिका की फोक्स दूरियां कमश: $40$ से.मी. और $4$ से.मी. हैं। अभिदृश्यक से $200$ से.मी. दूर स्थित किसी बिम्ब को देखने के लिए दोनों लेंसों के बीच की दूरी होनी चाडिए:
एक प्रकाश किरणपूंज, लाल, हरे तथा नीले रंगों से बना है। यड किरणपुंज किसी समकोणी प्रिज्म पर आपतित होता है $($ आरेख देखिये $)$ प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक, लाल, हरे, व नीले रंग के लिये क्रमश: $1.39$, $1.44$ तथा $1.47$ है, तो यह प्रिज्म:
एक काँच के ब्लॉक के एक पृष्ठ को पौलिश किया गया है। इसकी मोटाई $6$ सेमी है। एक वस्तु पहले पृष्ठ से $8$ सेमी दूर रखी गयी है, पॉलिश पृष्ठ के $12$ सेमी पीछे इसका प्रतिबिम्ब बनता है । कांच का अपवर्तनांक होगा:
लाल तथा हरी किरणों से बना हुआ एक प्रकाश पुँज आयताकार काँच की पट्टिका के पृष्ठ पर स्थित एक बिन्दु पर त्रिर्यक रूप से आपतित होता है। जब प्रकाश पुँज विपरीत समान्तर पृष्ठ पर आता है, तो लाल तथा हरी किरणें: