किसी एक परमाणुक गैस का दाब $P_1$ और आयतन $V_1$ है। इसको रूद्धोष्म रूप से प्रारंभिक आयतन के $1 / 8$ तक संपीडित किया जाता है, गैस का अंतिम दाब कितना होगा
[2010M]
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(a) रूद्धोष्म प्रसार या संकुचन के लिए
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\begin{aligned}
P_1 V_1^\gamma & =P_2 V_2^\gamma \\
P_2 & =P_1\left(\frac{V_1}{V_2}\right)^\gamma \\
& =P_1(8)^\gamma \quad\left(\therefore V_2=\frac{V_1}{8}\right)
\end{aligned}
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एकल परमाण्विक गैस के लिए $\gamma=1+\frac{2}{3}=\frac{5}{3}$
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\therefore P_2=P_1(8)^{5 / 3} \Rightarrow P_2=32 P_1
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एक आदर्श गैस के लिए स्थिर दाब अवस्था में मोलर विशिष्ट ऊष्मा का मान $(7/2) \ R$ है। इसके लिए स्थिर दाब और स्थिर आयतन अवस्थाओं में विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात होगा
एक उत्क्रमणीय इंजन ली गयी ऊष्मा का $1 / 6$ कार्य में बदलता है । यदि सिंक का तापतान $60^{\circ} C$ कम कर दिया जाए तो दक्षता दोगुनी हो जाती है । तो स्रोत्र तथा सिंक का तापमान होगा :
एक मोल आदर्श गैस, प्रारंभिक अवस्था $A$ से अन्तिम अवस्था $B$ को निम्नलिखित दो प्रक्रमों से होकर जाती है। पहले इसके आयतन का $V$ से $3 V$ तक समतापीय रूप से प्रसार होता है। फिर, स्थिर दाब पर इसका आयतन $3 V$ से $V$ तक कम किया जाता है तो, इन दो प्रकमों को निरूपित करने के लिए सही $P-V$ आरेख है:
जब $0^{\circ} C$ की $1 kg$ बर्फ $0^{\circ} C$ के जल में परिवर्तित होती है तो इसकी एन्ट्रापी में परिणामी परिवर्तन होगा (यदि बर्फ की गुप्त ऊष्मा $80 cal /{ }^{\circ} C$ हो ):
किसी गैस को समतापीय रूप से उसके आधे आयतन तक संपीडित किया जाता है। इसी गैस को पृथक रूप से रुद्धोप्म प्रक्रिया द्वारा उसके आधे आयतन तक संपीडित किया जाता है तब :