किसी स्त्रोत जिसका emf, $V=10 \sin 340 t$ है, से श्रेणी में $20 mH$ का प्रेरक, $50 \mu F$ का संधारित्र तथा $40 \Omega$ का प्रतिरोधक संयोजित है। इस प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में शक्ति क्षय है:
[2016]
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दिया है: $L =20 mH ; C =50 \mu F ; R =40 \Omega$
$ V =10 \sin 340 t$
$\therefore V _{ rms }=\frac{10}{\sqrt{2}}$
$X _{ C }=\frac{1}{\omega C }=\frac{1}{340 \times 50 \times 10^{-6}}=58.8 \Omega$
$X _{ L }=\omega L =340 \times 20 \times 10^{-3}=6.8 \Omega$
$Z =\sqrt{ R ^2+\left( X _{ C }- X _{ L }\right)^2}$
$=\sqrt{40^2+(58.8-6.8)^2}=\sqrt{4304} \Omega $
प्रत्यावर्ती परिपथ में शक्ति-क्षय
$ P = i _{ rms }^2 R =\left(\frac{ V _{\text {rms }}}{ Z }\right)^2 R$
$=\left(\frac{10 / \sqrt{2}}{\sqrt{4304}}\right)^2 \times 40=\frac{50 \times 40}{4304} \simeq 0.51 W $
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किसी $ac$ परिपथ में एक प्रत्यावर्ती वोल्टता, $e =200 \sqrt{2}$ $\sin 100 t$ वोल्ट, को $1 \mu F$ धारिता के एक संधारित्र से जोड़ा गया है। इस परिपथ में विद्युत धारा का वर्ग-माध्य मूल मान होगा:
एक ट्रान्सफॉर्मर को $220 V$ का निवेश दिया गया है। निर्गत परिपथ में $440$ वोल्ट पर $2.0 A$ की धारा प्रवाहित होती है। यदि ट्रांन्सफॉमर की दक्षता $80 \%$ हो तो ट्रान्सफार्मर की प्राथमिक कुंडली द्वारा ली गई विद्युतधारा है
एक a.c के क्षणिक वि.वा.ब. (e.m.f.)e और धारा $i$ के क्रमानुसार मान निम्न प्रकार व्यक्त किए जा सकते हैं:
$e = E _{ o } \sin \omega t$
$i = I _0 \sin (\omega t -\phi)$
a.c. की एक साइकल(आवर्त) में परिपथ में मध्यमान शक्ति होगी :
एक श्रेणी $R-C$ परिपथ किसी प्रत्यावर्ती वोल्टता के स्त्रोत से जुड़ा है। दो स्तिथियों $(a)$ तथा $(b)$ पर विचार कीजिए $(a)$ जब संधारित्र वायु भरा है। $(b)$ जब, संधारित्र माइका भरा है। इस परिपथ में प्रतिरोधक से प्रवाहित विद्युत धारा $i$ है तथा संधारित्र के सिरों के बीच विभवान्तर $V$ है तो
एक कुंडली का स्व-प्रेरकत्व $L$ है। यह श्रेणी क्रम मे एक विद्युतबल्ब $B$ तथा एक ए.सी. (A.C.) स्रोत से जुड़ी है। इस बल्ब के प्रकाश की दीप्ति (तीव्रता) कम हो जायेगी, जब
एक धारा प्रवाहित कुण्डली जिसकी त्रिज्या 30 सेमी तथा प्रतिरोध $\pi^2 \Omega$ है को एक चुम्बकीय क्षेत्र $B =10^{-2} T$ वाले क्षेत्र में चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् घुमाया जातो है। यदि घुमाने की दर $200 rpm$ हो तो उत्पन्न प्रत्यावर्ती धारा का अधिकतम मान होगा: