कमरे के तापक्रम पर 'निकिल' लौह-चुम्बकत्व गुण दर्शाता है। यदि तापक्रम को क्यूरी तापक्रम से अधिक कर दें तो निकिल प्रदर्शित करेगा-
[2007]
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(d) क्यूरी ताप के ऊपर, लौह-चुम्बकीय पदार्थ, अनुचुम्बकीय पदार्थ की तरह व्यवहार करते हैं।
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एक समबाहु त्रिभुज के आकार की कॉयल $($ भुजा $=i )$ को चुम्बक के ध्रुवों के बीच लटकाया गया। चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ कायॅल के समतल में है। कायॅल में धारा का मान $i$ हो तो आघूर्ण $(\tau)$ होगा
दो चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $M$ तथा $2 M$ है, एक वाईब्रेशन मैग्नेटोमीटर में रखी है। यदि दोनों के सम ध्रुव साथ हो तो आवर्तकाल $T_1$ तथा विषम ध्रुव साथ हो तो आर्वत काल $T_2$ है। तो$-$
एक छड़ (दंड) चुम्बक की लम्बाई ' 1 ' है और इसका चुम्बकीय द्विध्रुव बल-आघूर्ण ' $M$ ' है। यदि इसे आरेख (चित्र) में दिये गये अनुसार एक चाप के आकार में मोड़ दिया जाय तो, इसका नया चुम्बकीय द्विध्रुव बलआघूर्ण होगा:
चार हल्की छड़ों $A , B , C , D$ को धागों से अलग-अलग लटकाया गया है। एक छड़ (दंड) चुम्बक को धीरे-धीरे प्रत्येक के पास लाया जाता है और निम्नलिखित प्रेक्षण नोट किये जाते हैं:
(i) $A$ हल्की सी प्रतिकर्षित होती है
(ii) $B$ हल्की सी आकर्षित होती है
(iii) $C$ बहुत अधिक आकर्षित होती है
(iv) $D$ अप्रभावित रहती है
तो निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ठीक है?
आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?