चार हल्की छड़ों $A , B , C , D$ को धागों से अलग-अलग लटकाया गया है। एक छड़ (दंड) चुम्बक को धीरे-धीरे प्रत्येक के पास लाया जाता है और निम्नलिखित प्रेक्षण नोट किये जाते हैं:
(i) $A$ हल्की सी प्रतिकर्षित होती है
(ii) $B$ हल्की सी आकर्षित होती है
(iii) $C$ बहुत अधिक आकर्षित होती है
(iv) $D$ अप्रभावित रहती है
तो निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ठीक है?
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$2 \times 10^4 JT ^{-1}$ चुम्बकीय आघूर्ण का एक छड़ चुम्बक एक क्षैतिज तल में स्वतन्त्र रूप से घूम सकता है। इस स्थान पर $B =6 \times 10^{-4} T$ का क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र क्रियाकारी है। क्षेत्र दिशा के समान्तर दिशा से चुम्बक को धीरे$-$धीरे क्षेत्र दिशा से $60^{\circ}$ की दिशा तक ले जाने में किया गया कार्य होगा$:-$
एक समबाहु त्रिभुज के आकार की कॉयल $($ भुजा $=i )$ को चुम्बक के ध्रुवों के बीच लटकाया गया। चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ कायॅल के समतल में है। कायॅल में धारा का मान $i$ हो तो आघूर्ण $(\tau)$ होगा
एक छड़ (दंड) चुम्बक की लम्बाई ' 1 ' है और इसका चुम्बकीय द्विध्रुव बल-आघूर्ण ' $M$ ' है। यदि इसे आरेख (चित्र) में दिये गये अनुसार एक चाप के आकार में मोड़ दिया जाय तो, इसका नया चुम्बकीय द्विध्रुव बलआघूर्ण होगा:
आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?
चुम्बकीय याम्योत्तर में स्थिति किसी कम्पन चुम्बकत्वमापी पर एक छोटा चुम्बक रखा है। यह चुम्बक पृथ्वी के क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में जिसका मान $24$ माइक्रोटेस्ला है, $2$ सेकण्ड के आवृति काल से दोलन करता है। जब एक विद्युत वाहित तार रखकर पृथ्वी के क्षेत्र की विपरीत दिशा में, $18$ माईक्रोटेस्ला का एक क्षैतिज उत्पन्न किया जाता है, तो चुम्बक का नया आर्वतकाल होगा