कोई एक उदाहरण देकर समझाइये कि देशी स्कूलों में शिक्षा स्थानीय आवश्यकताओं के लिए काफी अनुकूल थी।
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देशी स्कूलों में शिक्षा स्थानीय आवश्यकताओं के लिए काफी अनुकूल थी। उदाहरणार्थ फसलों की कटाई के समय कक्षाएँ बंद हो जाती थीं क्योंकि उस समय गाँव के बच्चे प्रायः खेतों में काम करने चले जाते थे। कटाई और अनाज निकल जाने के बाद पाठशाला दोबारा शुरू हो जाती थी। इसका परिणाम यह था कि साधारण काश्तकारों के बच्चे भी पढ़ाई कर सकते थे।
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