शिक्षा के बारे में टैगोर तथा महात्मा गांधी के विचारों में क्या अन्तर था?
Download our app for free and get startedPlay store
टैगोर और महात्मा गांधी शिक्षा के बारे में भिन्न मत भी रखते थे। गांधीजी पश्चिमी सभ्यता और मशीनों व प्रौद्योगिकी की उपासना के कट्टर आलोचक थे जबकि टैगोर आधुनिक पश्चिमी सभ्यता और भारतीय परंपरा के श्रेष्ठ तत्त्वों का सम्मिश्रण चाहते थे।
इसलिए उन्होंने शांतिनिकेतन में कला, संगीत और नृत्य के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शिक्षा पर भी जोर दिया।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    कोई एक उदाहरण देकर समझाइये कि देशी स्कूलों में शिक्षा स्थानीय आवश्यकताओं के लिए काफी अनुकूल थी।
    View Solution
  • 2
    1857 के पश्चात् ब्रिटिश सरकार प्रचारक शिक्षा को प्रत्यक्ष सहायता देने में क्यों आनाकानी करने लगी?
    View Solution
  • 3
    भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर वुड डिस्पैच के कोई तीन प्रभाव बताइए।
    View Solution
  • 4
    19वीं सदी में भारत में सक्रिय ईसाई प्रचारकों द्वारा व्यावहारिक शिक्षा की आलोचना क्यों की गई?
    View Solution
  • 5
    1813 तक ईस्ट इंडिया कंपनी ईसाई प्रचारकों  की गतिविधियों के विरुद्ध क्यों थी?
    View Solution
  • 6
    प्राच्यवादी अंग्रेजी अधिकारियों के अनुसार 'देशी जनता' का दिल किस प्रकार जीता जा सकता था?
    View Solution
  • 7
    जेम्स मिल के शिक्षा सम्बन्धी विचारों को स्पष्ट कीजिये।
    View Solution
  • 8
    वर्नाकुलर से क्या आशय है? बताइये।
    View Solution
  • 9
    प्राचीन भारतीय ज्ञान के समर्थक चार अंग्रेजों के नाम लिखिये।###प्राच्यवादी शिक्षा के समर्थक विद्वानों के नाम बताइए।
    View Solution
  • 10
    'वुड के डिस्पैच' से आप क्या समझते हैं?
    View Solution