कृष्णा-गोदावरी विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार के द्वारा कोयना पर जलविद्युत परियोजना के लिए बाँध बनाकर जल की दिशा परिवर्तित करने पर कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश सरकारों द्वारा यह आपत्ति उठाए जाने के फलस्वरूप हुई कि इससे नदी के निचले हिस्सों में जल प्रवाह कम हो जायेगा और कृषि और उद्योगों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।