नहीं, मैंने कभी किसी के साथ असमान व्यवहार नहीं किया है। हम सभी बच्चे स्कूल में बैठकर एक साथ अपना लंच करते हैं, एक साथखेलते हैं, एक साथ एक ही छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं। पर उस वक्त
हम यही नहीं सोचते कि हमारी जातियाँ अलग है। क्योंकि जात-पात भगवान द्वारा नहीं, हम इंसानों के द्वारा बनाया गया है और कोई भी इंसान अपने जाति ” से नहीं अपने कर्मों से बड़ा बनता है।