शासन व्यवस्था के स्वरूप कई तरह के हो सकते हैंलोकतांत्रिक और गैर-लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था । इन दोनों में निम्नलिखित अन्तर है
(क) लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था-(i) एक ऐसी शासन व्यवस्था होती है जो लोगों द्वारा चुनी जाती है और लोगों के हित में शासन करती है। (ii) इसमें लोगों की भागीदारी होती है। (iii) चुनाव के द्वारा प्रतिनिधि चुने जाते हैं । चुनाव में देश के वयस्क लोग अर्थात् जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, वोट डालते हैं और योग्य व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुनकर शासन का संचालन करते हैं । (iv) इस शासन में संप्रभुता जनता के हाथों में रहती है । (v) लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होते हैं । (vi) यहाँ हर व्यक्ति के वोट का एक समान महत्व होता है। (vii) लोकतंत्र में लोगों के बुनियादी अधिकारों की गारंटी होती है। (viii) कानून की नजर में सभी लोगों की समानता होनी चाहिए । (ix) लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका होती है। (x) लोकतंत्र में बहुमत प्राप्त दल का ही शासन होता है। (xi) सरकार संविधान द्वारा निर्धारित तौर-तरीकों व नियमों के अंदर ही कार्य करती है। (xii) चुनाव में अनेक दलों की भागीदारी होती है जिसके कारण लोगों के पास शासकों को बदलने का विकल्प और अवसर उपलब्ध होते हैं । चुनाव एक नियत समय पर होती है। (xiii) इस प्रकार के शासन की कुछ बुराइयाँ हैं जैसे—मूखों का शासन, काफी खर्चीला शासन, नैतिकता का अभाव आदि । बावजूद इसके आज दुनियाँ भर के देशों में लोकतंत्रीय शासन अपनाने की होड़ मची हुई है। यह विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शासन प्रतीत होता है।
(ख) गैर-लोकतांत्रिक शासन-(i) कुछ ऐसी सरकारें भी हैं जो लोगों द्वारा निर्वाचित न होकर अन्य माध्यमों जैसे तख्तापलट, पारिवारिक . परम्परा आदि द्वारा स्थापित होती हैं। ऐसी सरकारों के अधिकारी अपने हित में शासन करते हैं। ऐसी शासन-व्यवस्था को गैर-लोकतांत्रिक शासन कहा जाता है । (ii) गैर-लोकतांत्रिक सरकार में अधिकारी अपनी भलाई के अनसार काम करते हैं। (ii) चनाव होने पर भी व्यापक पैमाने पर धोखाधड़ी व गड़बड़ियाँ की जाती हैं । (iv) सरकार जनता द्वारा वैधानिक ढंग से चनी हई नहीं होती । (v) चनाव नियत समय पर नहीं होते । (vi) स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका का अभाव होता है । (vii) अंतिम निर्णय लेने की शक्ति जनता के पास नहीं होती है। (viii) शासन संचालन में आम लोगों की भागीदारी नहीं होती। (ix) लोगों के अधिकारों की गारंटी नहीं होती है। (x) सरकार किसी संवैधानिक कानन के अन्दर काम नहीं करती। सच माने में उनका कोई संविधान ही नहीं होता। (xi) गैर-लोकतांत्रिक शासन प्रणाली एक आलोचित शासन प्रणाली है, जिससे जनता दूर भागती है।