लोकतंत्र सबसे अच्छी शासन व्यवस्था है। सामान्य और बेहतर लोकतंत्र कौन है ? क्या सरकार की परिधि से बाहर भी लोकतंत्र है ? आदि कई ऐसे प्रश्न हैं, जिनका ज्ञान हमें होना चाहिए।
किसी समस्या के समाधान के लिए घर के सभी सदस्य एक जगह पर मिल-जुल कर विचार-विमर्श के द्वारा फैसला करते हैं। अन्त में . फैसला सभी लोगों के विचार के अनुसार होता है।
मिल-जुल कर किया गया फैसला बुनियादी तौर-तरीके को उजागर करता है । इससे स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसकी पहुँच संगठन, गाँव एवं परिवार तक है । इस प्रकार लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसका प्रयोम जीवन के किसी भी क्षेत्र में हो सकता है।
एक बेहतर लोकतंत्र तभी होगा जब वहाँ का लोकतंत्र आदर्श लोकतंत्र के रूप में जाना जाए। जिसे पाने के लिए सभी देश प्रयासरत हैं। एक आदर्श के रूप में लोकतंत्र तभी आयेगा जब देश का कोई भी व्यक्ति भूखे पेट नहीं सोयेगा, सभी को वोट का समान अधिकार मिलेगा, सभी को समान रूप से सूचनाएँ उपलब्ध होगी, बुनियादी शिक्षा सभी को समान रूप से मिलेगा। अगर हम इस आदर्श पर लोकतंत्र को परखेंगे तो लगेगा कि दुनिया में कहीं भी लोकतंत्र नहीं आ पायेगा । लोकतंत्र में इन्हीं बुनियादी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है, जो लोकतंत्र का आदर्श है । अतः जहाँ निष्ठा से इन बुनियादी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाता है वहाँ अच्छा लोकतंत्र है।
अतः लोकतंत्र मात्र राजनीतिक व्यवस्था है जो सामान्य रूप से जनहित में लगा है तथा काम चलाऊ है पर व्यापक अर्थ में लोकतंत्र एक राजनीतिक व्यवस्था ही नहीं वरन एक नैतिक धारणा तथा सामाजिक परिस्थिति भी है । लोकतंत्र एक सामान्य मनुष्य में निष्ठा पैदा करती है। यह जीवन जीने का एक ढंग प्रस्तुत करती है।