(i) शासन के प्रति जवाबदेही-लोकतंत्र का पहला गुण है कि लोकतंत्र में शासन अधिक जवाबदेही वाला होता है। ऐसा देखा जाता है कि लोकतांत्रिक देशों में सरकार लोगों की जरूरत के अनुसार अपना आचरण करती है। चीन में 1958-61 ई. के दौरान भयंकर अकाल पड़ा। इसमें करोड़ों लोग भूख से मर गए । ठीक ऐसी ही तरह की भयावह स्थिति वर्ष 2008 ई. के अगस्त-सितम्बर महीने में उत्तरी बिहार में बाढ़ से उत्पन्ना प्रलय की थी जिसमें करोड़ों-अरबों की संपत्ति का नुकसान हुआ लाखों लोग बेघर एवं तबाह हो गए। भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के कारण बिहार ने उससे जल्द ही निजात पा लिया; जबकि चीन को उस अकाल से निजात पाने में काफी समय लगा। इस संबंध में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि किसी भी स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश में कभी भी बड़ी त्रासदी नहीं हुई क्योंकि लोकतांत्रिक देशों में बहुदलीय चुनावी व्यवस्था है वहाँ मजबूत विपक्षी दल होते हैं और सरकार की आलोचना के लिए स्वतंत्र मीडिया होती है।
(ii) लोकतंत्र में सरकार लोक कल्याण के लिए कार्य करती हैगैर-लोकतांत्रिक सरकारों की तुलना में लोकतांत्रिक सरकार लोककल्याण के लिए सबसे उत्तम शासन-व्यवस्था है। लोकतंत्र में जनता अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करती है। प्रतिनिधि जनता की इच्छाओं, भावनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर शासन करते हैं। जैसे- चीन में गैर-लोकतांत्रिक शासन के कारण शासन व्यवस्था में लोक कल्याण की भावना की कमी थी फलस्वरूप भयानक त्रासदी हो गयी।
(iii) लोकतंत्र में न्यायपालिका निरंतर व्यवस्थापिका एवं कार्यपालिका पर नजर रखे रहती है-मानव को प्रकृति प्रदत्त कुछ अधिकार प्राप्त हैं, जैसे-स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, जीवन जीने का अधिकार आदि। जिसे मानवाधिकार भी कहा जाता है। इन अधिकारों का उपयोग कर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकता है। इस तरह के अधिकार केवल लोकतंत्र में ही नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं। गैर-लोकतांत्रिक प्रशासन में नहीं। मानवाधिकारों की रक्षा हेतु ही न्यायपालिका की व्यवस्था होती है।
(iv) लोकतंत्र में सरकार को अपनी गलती सुधारने का मौका मिलता है-यदि सरकार जल्दीबाजी में कोई फैसला कर लेती है तो जनता भी उसे गलत कहकर पद से हटा देती है । जैसे- वर्ष 1975 ई. में श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भारत में आपातकाल लागू की थी, जो लोगों के विचार में गलत फैसला था। इस फैसले के कारण श्रीमती इंदिरा गाँधी को 1977 ई. के चुनाव में लोगों ने मतदान नहीं किया और श्रीमती गाँधी को सत्ता से हटना पड़ा । इस तरह की व्यवस्था गैर-लोकतांत्रिक सरकारों में संभव नहीं है। अत: लोकतंत्र में सरकार को अपनी गलती सुधारने का मौका रहता है।
(v) लोकतंत्र में लोगों की गरिमा एवं इच्छाओं को सम्मान मिलता है-लोकतंत्र न ही सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है और न ही सभी चीजों को उपलब्ध कर सकता है जो जीवन के लिए आवश्यक है। फिर भी यह कहा जा सकता है कि लोकतंत्र उन सभी दूसरी शासन व्यवस्था से बेहतर है जिन्हें हम जानते हैं और दुनिया के लोगों को जिनका अनुभव है। यह अच्छे फैसलों के लिए बेहतर सेवा उपलब्ध कराता है। इससे लोगों की गरिमा बनी रहती है। इसी कारण से लोकतंत्र को सबसे अच्छा शासन व्यवस्था मानी जाती है।