मानव किसी देश के लिए महत्त्वपूर्ण संसाधन होता है क्योंकि मानव ही ऐसा संसाधन है जो अपनी कुशलता एवं योग्यता से प्राकृतिक संसाधनों को उपयोग योग्य बनाता है। मनुष्य अपनी योग्यताओं और आवश्यकताओं से प्रकृति की देन को संसाधन में परिवर्तित कर देता है। स्वस्थ, शिक्षित और अभिप्रेरित लोग अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप संसाधनों का विकास करते हैं। इस प्रकार मानव संसाधन सबसे ज्यादा उपयोगी है तथा यही अन्तिम संसाधन है।