(1) वेदिका फार्म-चौड़े, समतल सोपान अथवा वेदिका तीव्र ढालों पर बनाए जाते हैं ताकि सपाट सतह फसल उगाने के लिए उपलब्ध हो जाए। इससे पृष्ठीय प्रवाह और मृदा अपरदन कम होता है।
(2) समोच्चरेखीय रोधिकाएँ-समोच्च रेखाओं पर रोधिकाएँ बनाने के लिए पत्थरों, घास, मृदा का उपयोग किया जाता है। रोधिकाओं के सामने जल एकत्र करने के लिए खाइयाँ बनाई जाती हैं, इससे मृदा अपरदन कम होता है।