निषेचन के दौरान जब एक शुक्राणु अण्डाणु के पारदर्शी आवरण (Zona pellucida) के सम्पर्क में आता है तो इस आवरण में बदलाव प्रेरित करता है। इसके परिणामस्वरूप निषेचन के दौरान अण्डाणु में केवल एक ही शुक्राणु का प्रवेश सुनिश्चित हो जाता है तथा अन्य शुक्राणु प्रवेश नहीं कर पाते।