प्राचीन पुरास्थल आहड़ की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं
(1) यहां खुदाई में प्राप्त मकानों की दीवारें, पत्थरों एवं मिट्टी से बनी हुई हैं। जिनकी छत बांस और केलू से बनी होती थीं।
(2) बड़े कमरों के बीच में बाँस की परदी पर मिट्टी चढ़ाकर उसे छोटे-छोटे कमरों में विभाजित किया जाता था।
(3) मकानों में चार से छ: चूल्हे मिले हैं जो संयुक्त परिवार के साक्ष्य हैं।
(4) यहां उच्च कोटि के चावल उत्पादित होते थे।
(5) यहाँ एक भट्टीनुमा चूल्हा मिला है जिससे पता चलता है कि, यहाँ ताँबा पिघलाया जाता था।
(6) यहाँ लाल-भूरे मृद्भाण्ड मिले थे जो हाथ की सफाई तथा अलंकरण की दृष्टि से उत्कृष्ट थे।
(7) धूलकोट के 1951-52 में हुए उत्खनन में तश्तरियाँ, दीपक, धूपदानियाँ, कटोरियाँ, मटके, कलश, चूड़ियाँ, खिलौने, 26 किस्म की मणियाँ, 6 ताँबे की मुद्राएँ और तीन मुहरें प्राप्त हुई हैं।
(8) प्राकृतिक प्रकोप से इस सभ्यता का विध्वंस हुआ और इस सभ्यता के लोग उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़े तथा गिलुण्ड व भगवानपुरा जैसे स्थान बसाए।