जब पराग नलिका अण्डाशय की गुहा (locule) में पहुँच जाती है तो किसी एक बीजाण्ड (ovule) के अन्दर प्रवेश करती है। बीजाण्ड में प्रवेश निम्नलिखित प्रकार से हो सकता है-
1. बी जाण्डद्वारीय प्रवेश (Porogamy) - सामान्यत: ऐनांद्रापस बोजाग में पराग नलिका बीजाण्डद्वार (micropyle) के अन्दर प्रविष्ट जाती है और सीधे (directly) बीजाण्डकाय (nucellus) के अन्दर होती हुई भ्रूणपोष के अन्दर प्रवेश करती है। । यह विधि सर्वथा सामान्य है।
2. निभागीय प्रवेश (chalazogamy) - यह विधि अत्यन्त असामान्य है। इसमें पराग नलिका निभागीय क्षेत्र (chalazal part) या बीजाण्डवृन्त (Fu- nicle) के ऊतक को भेदकर बीजाण्ड के अन्दर प्रवेश करती है। यह विधि सर्वप्रथम केजुयेराइना (Casuarina sp) में देखी गयी।
3. अध्यावरणीय प्रवेश (mesogamy) - कभी-कभी पराग नलिका बीजाण्ड के अध्यावरणों (integuments) को तोड़कर बीजाण्ड के अन्दर प्रवेश करती है। इस क्रिया को अध्यावरणीय प्रवेश या मीसोगैमी (mesogamy) कहा जाता है। इसके उदाहरण कुकुरबिटेसी (Cucurbitceae) कुल में मिलते हैं।