प्रतिवर्ती क्रिया: किसी उद्दीपन के प्रति तेज व अचानक की गई अनैच्छिक अनुक्रिया प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है। यह क्रिया बिना विचार किए अथवा हमारी इच्छा या सचेतावस्था को बिना सम्मिलित किए हुए होती है। इस सम्पूर्ण क्रिया में मस्तिष्क की कोई भूमिका नहीं होती है।
प्रतिवर्ती क्रिया के उदाहरण:
प्रतिवर्ती चाप: प्रतिवर्ती क्रिया के दौरान विद्युत आवेग जिस पथ पर चलते हैं, उसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
उदाहरणार्थ: जब हम किसी गर्म बर्तन को छू लेते हैं तो यह सूचना सर्वप्रथम त्वचा के ग्रहियों द्वारा प्राप्त की जाती है तथा तंत्रिकाओं द्वारा एक विद्युत आवेग भेजा जाता है। यह आवेग संवेदी तंत्रिका कोशिका द्वारा मेरुरज्जु में पहुँचता है। इसके बाद प्रेरक तंत्रिका द्वारा अनुक्रिया को सम्पन्न करने के लिए संदेश वापस कार्यकर अंगों (पेशियों) को भेजा जाता है। तब मेरुरज्जु प्रेरक तंत्रिकाओं को, हाथ को गर्म बर्तन से पीछे हटाने के लिए प्रेरित करती है। यह संपूर्ण प्रक्रम प्रतिवर्ती चाप कहलाता है।