समरूप चुम्यकीय क्षेत्र में गतिशील आवेशित कण की ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, समझाइए। क्यों?
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चुम्बकीय क्षेत्र में गतिशील आवेशित कण पर लगने वाला बल कण के वेग के लम्बवत् होता है। अतः चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा कण पर कोई कार्य नहीं किया जाता है। अतः कण की चाल नियत रहेगी और इस प्रकार कण की गतिज ऊर्जा भी अपरिवर्तित रहेगी।
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$\alpha$-कणों एवं प्रोटॉनों का एक पुंज समान चाल से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। चुम्बकीय क्षेत्र में उनके वृत्तीय पथों की त्रिज्याओं के अनुपात की गणना कीजिए।
एक धारामापी का प्रतिरोध $30 \Omega$ है। इसमें 2 mA की धारा पूर्ण स्केल विक्षेप देती है। इसका (0-0.3A) परास का अमीटर बनाने के लिए आवश्यक प्रतिरोध की गणना कीजिए।
एक लम्बे तार को चित्रानुसार मोड़ा गया है। इसमें $i$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित करने पर वृत्तीय भाग के केन्द्र $0$ पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान व दिशा ज्ञात कीजिए|
किसी N फेरों वाली R त्रिज्या की धारावाही कुण्डली को खोलकर सीधे लम्बे तार में बदलने पर इससे R दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान कुण्डली के केन्द्र पर मान का कितना गुना होगा?