यूरिया (अणु भार $56 g / mol ^{-1}$ ) के विलयन को वायुमण्डलीय दाब पर $100.18^{\circ} C$ ताप पर गर्म किया जाता है। यदि जल के $K _{ f }$ तथा $K _{ b }$ क्रमशः $1.86$ तथा $0.512 K$ कि.ग्राम/मोल है तो दिया विलयन किस ताप पर जमेगा?
[2005]
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$30^{\circ} C$ पर बेन्जीन का वाष्पदाब $121.8 mm$ है। जब $15 g$ अवाष्पशील विलेय को $250 g$ बेंजीन में घोला जाता है तो वाष्पदाब घटकर $120 mm$ हो जाता है। विलेय का आण्विक भार है (विलायक का अणु भार $=$ 78) :-
$51.2 g$ बेंजीन में $1.00 g$ विद्युत अनअपघट्य (मोलर द्रव्यमान $=250 g mol ^{-1}$ ) घोला जाता है। यदि बेंजीन के हिमांक बिन्दु का अवनमन स्थिरांक $K _{ f }=5.12 kg mol ^{-1}$ है तो बेंजीन का हिमांक कितना कम होगा?
एक विलयन में पेंटेन तथा हेक्सेन के मोलों का अनुपात $1: 4$ है। शुद्ध हाइड्रोकार्बन के $20^{\circ} C$ पर पेंटेन का वाष्प दाब 400 मिमी $Hg$ तथा हेक्सेन का वाष्प दाब 120 मिमी $Hg$ है। वाष्पीय अवस्था में पेंटेन का मोल अंश होना चाहिए
सूक्रोज का $68.5 g$ जल के $1000 g$ में घुलाकर सूक्रोज (मोलर द्रव्यमान $=342 g mol ^{-1}$ ) का विलयन बनाया गया है। प्राप्त विलयन का हिमांक होगा।$\left(K_{ f }\right.$ जल $\left.=1.86 k kg mol ^{-1}\right)$.
सोडियम कार्बोनेट $Na _2 CO _3$ का $25.3 g$ पर्याप्त जल में घुलाकर $250 mL$ विलयन बनाया जाता है। यदि सोडियम कार्बोनेट पूरी तरह से घुल जाता है तो सोडियम आयन,
$Na ^{+}$और कार्बोनेट आयन, $CO _3^{2-}$ की मोलर सांद्रता होती है क्रमशः $\left( Na _2 CO _3\right.$ का मोलर द्रव्यमान $=106 g mol ^{-1}$ )