सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों-भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच हो सकता है। उदाहरण के लिए-
(1) बेल्जियम में सामुदायिक सरकार-इसमें केन्द्रीय सरकार में दोनों प्रमुख भाषायी समुदायों को सत्ता में बराबर की भागीदारी दी गई और विशेष कानून निर्माण के लिए दोनों भाषायी समुदायों के सांसदों के बहुमत को अनिवार्य किया गया।
(2) भारत में आरक्षण की व्यवस्था-भारत आदि कुछ देशों के संविधान व कानून में इस बात का प्रावधान किया गया है कि सामाजिक रूप से कमजोर समुदाय और महिलाओं को विधायिका और प्रशासन में हिस्सेदारी दी जाये। भारत में यह आरक्षण की व्यवस्था द्वारा संभव किया गया है ताकि ये समुदाय स्वयं को शासन से अलग न समझने लगें।