यदि एक तार को तीन हिस्सों में बांटे तो उनकी मूल आवृत्तियां $n _1, n _2 \ n _3$ है तथा पूरे तार की मूल आवृत्ति $n$ है तो $-$
[2000]
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$ n =\frac{1}{2 l} \sqrt{\frac{ T }{ m }} $
या $n \propto \frac{1}{l}$
या $n l=$ नियतांक, $K$
$\therefore n _1 l_1= K$,
$n _2 l_2= K , n _3 l_3= K$
Also $, l=l_1+l_2+l_3$
$ \frac{ K }{ n }=\frac{ K }{ n _1}+\frac{ K }{ n _2}+\frac{ K }{ n _3}$
$\frac{1}{ n }=\frac{1}{ n _1}+\frac{1}{ n _2}+\frac{1}{ n _3} $
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किसी प्यानों के दो सर्वसम तारों का तनाव भी समान है और उसका मान $T$ है। इसकी मूल आवृत्ति $600 Hz$ है। यदि दोनों तारों के एक साथ कम्पन करने पर 6 विस्पंद प्रति सेकण्ड बने, तो तारों के तनाव में भिन्नात्मक वृद्धि होगी:
एक प्रेक्षक ध्वनि की वेग की $1 / 5$ वेग से स्थिर स्रोत की ओर बढ़ रहा है। स्रोत द्वारा उत्पन्न ध्वनि की तंरगदैर्ध्य व आवृत्ति क्रमशः $\lambda$ और $f$ है। प्रेक्षक द्वारा प्रेक्षित आभासी तरंगदैर्ध्य व आवृत्ति होगी:
किसी स्ट्रिंग (डोरी) को $\ell_1, \ell_2$ तथा $\ell_3$ लम्बाई के तीन भागों में विभाजित करने पर उनकी मूल आवृत्तियाँ क्रमश: $v_1, v_2$ तथा $v_3$ हैं तो, स्ट्रिंग की मूल आवृत्ति होगी:
$800 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर $15 \ ms ^{-1}$ की चाल से गतिमान है । तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी? $($वायु में ध्वनि की चाल $=330 \ ms ^{-1}$ लीजिए$)$