यदि किसी गैस के अणुओं की त्रिज्या $r$ हो तो, उनका माध्य-मुक्त-पथ व्युत्क्रमानुपाती होता है
[2014]
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(b) माध्य मुक्त पथ $\lambda_{ m }=\frac{1}{\sqrt{2} \pi d ^2 n }$ यहाँ, $d =$ गैस अणु का व्यास तथा, $d =2 r$
$
\therefore \lambda_{ m } \propto \frac{1}{ r ^2}
$
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तीन बर्तनों में तीन अलग-अलग गैसें समान आयतन की भर दी गयी। अणुओं का द्रव्यमान क्रमशः $m _1, m _2, m _3$. तथा अणुओं की संख्या $N _1, N _2, N _3$ है। बर्तनों में गैसों का दाब क्रमश: $P _1, P _2, P _3$ है। तीनों गैसों को मिलाकर एक बर्तन में डाल दिया गया तो गैसों का दाब $P$ होगा:
एक समान तापमान पर दो पात्रों में से एक में आदर्श गैस $A$ तथा दूसरे में आदर्श गैस $B$ भरी है। गैस $A$ का दाब गैस $B$ के दाब का दो गुना है। इन दशाओं के अन्तर्गत गैस $A$ का घनत्व गैस $B$ के घनत्व से $1.5$ गुना पाया जाता है, तो $A$ तथा $B$ के अणुभारों का अनुपात होगा:
नियत दाब पर एक एक परमाण्विक आइडियल गैस के एक मोल का ताप $10 K$ बढ़ाने के लिए $207 J$ ऊष्मा की आवश्यकता है। इसी गैस के नियत आयतन पर $10 K$ तापमान वृद्वि के लिए आवश्यक ऊष्मा है $( R = 8.3$ जूल/मोल $K )$
ताप $27^{\circ} C$ और दाब $1.0 \times 10^5 Nm ^{-2}$ पर किसी दिए गए द्रव्यमान की गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल (\text{r.m.s}) वेग $200 \ ms ^{-1}$ है। जब इस गैस के ताप और दाब क्रमशः $127^{\circ} C$ और $0.05 \times 10^5 \ Nm ^{-2}$ है, तो $ms ^{-1}$ में इस गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग है :