एक अपवर्तनांक वाला एक उत्तल लेन्स एक ऐसे माध्यम में रखा जाता है, जिसका अपवर्तनांक लेन्स के अपवर्तनांक के बराबर है। इस माध्यम में लेन्स की फोकस दूरी क्या होगी?
अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण की परिभाषा लिखिए। उत्तर-अवतल दर्पण-यदि बाहरी भाग को कलई किया जाये और भीतरी भाग से प्रकाश का परावर्तन हो तो उसे अवतल दर्पण कहते हैं।
एक उत्तल लेंस जिसकी वक्रता त्रिज्या $R _1= R _2=24 cm$ है एवं जिसके पदार्थ का अपवर्तनांक 1.6 है। गणना करिए- a. वायु में लेंस की फोकस दूरी b. यदि लेसं को दो समान ऊर्ध्वाधर भागों में बाँट दिया जाए तो प्रत्येक की फोकस दूरी ।
एक दूरदर्षी की आवर्धन क्षमता 8 है। जब इसे समान्तर किरणों के लिए समन्जित करते है तब नेत्रिका और अभिदृष्यक लैंस के बीच की दूरी 18cm है। दोनों लैसों की फोकस दूरियाँ ज्ञात कीजिए।
एक उत्तल लैन्स की फोकस दूरी 24cm है। काँच का अपवर्तनांक 3/2 हो तथा लैन्स के दोनों पृष्ठों की वक्रता त्रिज्या समान हो तो वक्रता त्रिज्या का मानज्ञात कीजिए।
दूरदर्षक से क्या तात्पर्य है? अपवर्ती दूरदर्षी द्वारा प्रतिबिम्ब बनने का किरण आरेख बनाइए।इसकी कार्यप्रणाली का संक्षिप्त में वर्णन करके इसकी कुल आवर्धन क्षमता का सूत्र व्युत्पित कीजिए।
संयुक्त सूक्ष्मदर्षी से क्या तात्पर्य है? संयुक्त सूक्ष्मदर्षी द्वारा प्रतिबिम्ब बनने का किरण आरेख बनाइए।इसकी कार्यप्रणाली का संक्षिप्त में वर्णन करके इसकी कुल आवर्धन क्षमता का सूत्र व्युत्पित कीजिए।
किसी गोलीय पृष्ठ पर अपवर्तन हेतु बिम्ब दूरी $(u)$, प्रतिबिम्ब दूरी $(v)$ माध्यम के अपवर्तनांक ($n_{1},n_{2}$ ) और वक्रता त्रिज्या $( R )$ में सम्बन्ध की व्युत्पति कीजिए। आवष्यक चित्र बनाइए।
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