कला सम्बद्ध स्त्रोत क्या होते है? प्रकाश के सम्पोषी व विनाषी व्यतिकरण के लिए षर्ते लिखिए । प्रकाश के व्यतिकरण की घटना में तीव्रता वितरण को वक्र द्वारा प्रदर्षित कीजिए।
यंग द्विस्लिट प्रयोग में दो स्लिटों के मध्य की दूरी 0.03 मिमी. है। व्यतिकरण प्रतिरूप स्लिटों से 1.5 मीटर दूरी पर स्थित पर्दे पर उत्पन्न होता है। चौथी चमकीली फ्रिन्ज केन्द्रीय उचिष्ठ से 1.0 सेमी.दूरी पर स्थित है। प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए ?
यंग के द्विझिरी प्रयोग में झिरियों के बीच की दूरी 0.28 मिलीमीटर और पर्दे की दूरी 1.4 मीटर है। यदि केन्द्रीय द्विप्त फ्रिंज से चौथी दिप्त फ्रिंज की दूरी 1.6 मीटर हो तो प्रयुक्त प्रकाष का तरंग दैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
यंग के द्विझिरी प्रयोग में झिरियों के बीच की दूरी 0.48 मिमी है और पर्दा 2.4 मीटर की दूरी पर रखा है। केन्द्रीय दीप्त फ्रिज और चतुर्थ दीप्त फ्रिंज के बीच की दूरी 1.2 सेमी मापी गई है। प्रयोग में उपयोग किये गये प्रकाष का तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
एक धातु से हरे रंग के प्रकाश के आपतन पर इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन प्रारम्भ होता है। निम्न रंगों के समूह में से किस समूह के प्रकाश के कारण इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन संभव होगा?
30 eV ऊर्जा का एक फोटॉन धातु के पृष्ठ पर आपतित होता है इसके कारण 27.5 eV गतिज ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होता है। धातु के पृष्ठ का कार्यफलन होगा-
तीन धातुओं A, B और C के कार्यफलन क्रमानुसार 1.92 eV, 2 eV, 5 eV हैं। आइन्सटीन समीकरण के आधार पर 4100 Å तरंगदैर्ध्य विकिरण का प्रयोग करने पर इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन होगा-
दो धातु $X$ तथा $Y$ पर जब उचित आवृत्ति का प्रकाश डाला जाता है तो इनसे प्रकाश-इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं। $X$ का कार्यफलन Y के कार्यफलन से अधिक है। किस धातु के लिए देहली आवृत्ति अधिक होगी और क्यों?
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