$10^5 C$ आवेश $1$ ग्राम$-$तुल्यांक एल्यूमिनियम देता है। तो कितनी एल्यूमिनियम $($तुल्यांकी ग्राम $-9)$ मिलेगी जब $I _0$ धारा $20$ मिनट के लिए प्रवाहित की गयी हो?
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एक परिनालिका में $2000$ फेरे पास $-$ पास लपेटे गये हैं। इसकी अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $1.5 \times 10^{-4} m ^2$ है और इसमें $2.0 A$ की विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। इसे लम्बाई के लम्बवत् अपने केन्द्र से इस प्रकार लटकाया गया है कि यह किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षैतिज समतल में घूम सके। चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $5 \times 10^{-2}$ टेसला है और यह परिनालिका के अक्ष से $30^{\circ}$ का कोण बनाता है। परिनालिका पर बल आघूर्ण होगा
विद्युतवाही एक लूप $($पाश$)$ में दो एक समान अर्धवृत्ताकार भाग है। प्रत्येक की त्रिज्या $R$ है। एक $x-y$ समतल में और दूसरा $x-z$ समतल में स्थित है। यदि लूप $($पाश$)$ में विद्युत धारा $i$ हो तो, उनके उभयनिष्ठ केन्द्र पर दोनों अर्धवृत्ताकार भागों के द्वारा उत्पन्न परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र है
किसी दिये गये सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात करने के लिये प्रयुक्त एक विभवमापी के तार की लम्बाई $4$ मी है और इसके सिरों से जुड़ी मुख्य बैटरी का विद्युत वाहक बल $ \text{(EMF)}\ 2.0$ वोल्ट है। बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध नगण्य है। दिये गये सेल के सिरों पर जोड़े गये प्रतिरोधक $R$ का प्रतिरोध $(i)$ अनन्त $(ii) \ 9.5 \Omega$ रखने पर विभवमापी की सन्तुलन लम्बाइयां क्रमशः $3$ मी तथा $2.85$ मी हैं तो, सेल का आन्तरिक प्रतिरोध होगा
किसी विभवमापी के परिपथ को चित्र में दिखाये गये अनुसार व्यवस्थिति किया गया है। इस विभवमापी के तार पर विभवपात (प्रवणता) $k$ वोल्ट प्रति सेन्टीमीटर है, और जब द्विमार्गी कुंजी नहीं लगी है (आंफ है) तब, परिपथ में जुड़े एमीटर की माप $1.0 A$ है। जब कुंजी (i) 1 और 2 के बीच लगी होती है तो, संतुलन बिन्दु $l_1 cm$ पर, (ii) और जब कुंजी 1 और 3 के बीच लगी होती है तो, संतुलन बिन्दु $l_2 cm$ पर प्राप्त होता है। तो, $R$ और $X$ प्रतिरोधकों का ओम में प्रतिरोध क्रमशः होगा
एक इलैक्ट्रिक केतली में दो कुंडली है। एक कुंडली काम करे तो पानी उबलने में 10 मिनट तथा दूसरी कुंडली काम करे तो पानी उबलने में 40 मिनट लगते है। अगर दोनों कुंडली समांतर क्रम में जोड़े तो पानी उबलने में लगा समय है: