सरकारी अफसरों के विचार अधिकृत सरकारी रिकार्ड्स से पता चलते हैं। इन्हें छोड़कर देश के दूसरे लागों के विचारों के बारे में जानने हेतु अन्य स्रोतों की आवश्यकता है। इस हेतु लोगों द्वारा लिखी गई डायरियाँ, तीर्थ यात्राओं एवं यात्रियों के संस्मरण, महत्त्वपूर्ण लोगों की आत्मकथाएँ और स्थानीय बाजारों में बिकने वाली लोकप्रिय पुस्तक- पुस्तिकाएँ आदि महत्त्वपूर्ण हैं। छपाई की तकनीक के विकास के बाद अखबारों की भी इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका है। नेताओं तथा सुधारकों द्वारा लिखे गये लेख तथा कवियों एवं उपन्यासकारों द्वारा रचित रचनाएँ भी इन स्रोतों में शामिल हैं। लेकिन इन स्रोतों से भी केवल पढ़ना-लिखना जानने वाले लोगों के विचार ही मालूम होते हैं।