अंग्रेजों की मान्यता थी कि चीजों को लिखना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। उनके लिए हर निर्देश, हर योजना, नीतिगत फैसले, सहमति, जांच को साफ-साफ लिखना जरूरी था। वे तमाम अहम दस्तावेजों तथा पत्रों को सँभालकर रखना भी आवश्यक समझते थे। उनका मानना था कि ऐसा करने के बाद चीजों का अच्छी तरह अध्ययन किया जा सकता था और उन पर वाद-विवाद किया जा सकता था। अंग्रेजों की उक्त समझदारी के चलते ज्ञापन, टिप्पणी और प्रतिवेदन पर आधारित शासन की संस्कृति पैदा हुई।