भारत में ब्रिटिश इतिहासकारों द्वारा लिखे गये इतिहासों की मुख्य सामान्य विशेषता है कि उन्होंने जो भी इतिहास लिखे उनमें भारत के हरेक गवर्नर जनरल का शासनकाल महत्त्वपूर्ण है। ये इतिहास प्रथम गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स के शासन से शुरू होते थे और आखिरी वायसरॉय लॉर्ड माउण्टबैटन के साथ खत्म होते थे। इनमें दूसरे गवर्नर- जनरलों- हेस्टिंग्स, वेलेज्ली, बेंटिंक, डलहौजी, कैनिंग, लॉरेन्स, लिटन, रिपन, कर्जन, हार्डिंग, इरविन के बारे में भी खूब वर्णन है। इनके इतिहास में गवर्नर जनरलों और वायसरॉयों का कभी न खत्म होने वाला सिलसिला ही छाया रहता था। इतिहास की इन किताबों में सारी तारीखों का महत्त्व इन अधिकारियों, उनकी गतिविधियों, नीतियों, उपलब्धियों के आधार पर ही तय होता था। यह ऐसे था मानो इन लोगों के जीवन के बाहर कोई ऐसी चीज नहीं थी जिसे जानना महत्त्वपूर्ण हो। इन लोगों के जीवन का क्रम ब्रिटिश भारत के इतिहास में अलग-अलग अध्यायों का विषय बन जाता था। भारतीय समाज के अन्य पक्षों का इन्होंने बहुत कम वर्णन किया है।