ऐसी प्रक्रियाओं के लिए जो एक लम्बे समय तक चलती रहती हैं कोई तारीख तय करना गलत होता है क्योंकि समय को हमेशा साल या महीनों के पैमाने पर ही नहीं देखा जा सकता। जैसे भारत में लोगों ने अचानक एक दिन सुबह-सवेरे चाय पीना शुरू नहीं कर दिया था। इसका स्वाद धीरे-धीरे ही उनकी जबान पर चढ़ा था। इस तरह की प्रक्रियाओं के लिए कोई स्पष्ट तिथि नहीं हो सकती। इसी तरह हम ब्रिटिश शासन की स्थापना के लिए भी कोई एक तिथि नहीं बता सकते। राष्ट्रीय आन्दोलन किस दिन शुरू हुआ या अर्थव्यवस्था या समाज में किस दिन बदलाव आए, इसके लिए भी कोई एक तारीख बताना सम्भव नहीं है। ये सारी चीजें एक लम्बे समय में घटती हैं। ऐसे में हम सिर्फ एक अवधि की ही बात कर सकते हैं, एक लगभग सही अवधि के बारे में बता सकते हैं जब वे खास बदलाव दिखाई देने शुरू हुए होंगे।