अपचायी शर्करा में अपचायक गुण होते हैं अतः ये फेलिंग विलयन तथा टॉलेन अभिकर्मक इत्यादि का अपचयन कर देते हैं। उदाहरण सभी मोनोसैकेराइड, माल्टोस तथा लैक्टोस। अनअपचायी शर्करा में अपचायक गुण नहीं होता अतः ये फेलिंग विलयन तथा टॉलेन अभिकर्मक का अपचयन नहीं करते हैं। उदाहरण-सुक्रोस।