राजनीतिक दल-राजनीतिक दल लोगों का एक समूह होता है जो चुनाव लड़कर सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से कार्य करता है। यह सम्पूर्ण राष्ट्र के हितों को ध्यान में रखकर कुछ नीतियाँ और कार्यक्रम तय करता है।
भारत में राजनीतिक दलों तथा इनके नेताओं को सुधारने के लिए हाल ही में निम्नलिखित प्रयास किये गये हैं-
(1) दल-बदल रोक विधेयक-भारत में विधायकों और सांसदों को दल-बदल करने से रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया गया। निर्वाचित प्रतिनिधियों के मन्त्री पद या धन के लोभ में दल-बदल करने में आई तेजी को देखते हुए ऐसा किया गया। नए कानून के अनुसार अपना दल बदलने वाले सांसद या विधायक को अपनी सीट भी गँवानी होगी। इस नये कानून से दल-बदल में कमी आई है, लेकिन इससे पार्टी में विरोध का स्वर उठाना अब और भी मुश्किल हो गया है।
(2) उम्मीदवारों को अपनी सम्पत्ति और अपने आपराधिक मामलों का ब्यौरा देना अनिवार्य उच्चतम न्यायालय ने पैसे और अपराधियों के प्रभाव को कम करने के लिए एक आदेश के द्वारा चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार को अपनी सम्पत्ति का और अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का ब्यौरा एक शपथ-पत्र के माध्यम से देना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नयी व्यवस्था से लोगों को अपने उम्मीदवारों के बारे में बहुत-सी पक्की सूचनाएँ उपलब्ध होने लगी हैं।
(3) दलों को सांगठनिक चुनाव कराना-चुनाव आयोग ने एक आदेश के जरिये सभी दलों के लिए सांगठनिक चुनाव कराना जरूरी बना दिया है। दलों ने ऐसा करना शुरू भी कर दिया है। यह दलों में अन्दरूनी लोकतन्त्र स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
(4) आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य चुनाव आयोग ने सभी दलों के लिए आयकर रिटर्न भरना भी अनिवार्य कर दिया है।