बंगलादेश का अर्थशास्त्र कृषि पर टिका है। देश की 80% जनसंख्या कृषि कार्य में लगी हुई है। कृषि का सकल घरेलू उत्पाद में लगभग एक तिहाई योगदान है । देश की लगभग 63% भूमिपर कृषि कार्य किया जाता है । संपूर्ण कृषि भूमि के 82% क्षेत्र में चावल का उत्पादन होता है। 6% पर जूट, 4% पर गेहूँ तथा अन्य 10% पर सब्जी, फल तथा नकदी फसलें बोयी जाती हैं। यहाँ धान की तीन फसलें अमन (67%), औस (25%), तथा बोरो (3.5%) भूमि पर होती है । यहाँ विश्व का 6% से अधिक कच्चा जूट उगाया जाता है। गन्ना, तम्बाकू तथा गेहूँ आदि अन्य फसलें भी उगाई जाती हैं।
पशुपालन-यहाँ कृषि के पूरक के रूप में प्रचलित है । प्रायः प्रत्येक परिवार अपने उपभोग के लिए मुर्गी या बत्तख, माँस के लिए तथा दूध के लिए मवेशी पालता है। अतः यहाँ फसलोत्पादन, पशुपालन, मछली पकड़ना तथा वानिकी प्रमुख आर्थिक क्रिया हैं । समस्त रोजगार 81% विदेशी व्यापार से प्राप्त आय का 80% तथा राष्ट्रीय उत्पाद का 50% से अधिक कृषि से ही प्राप्त होता है। व्यापारिक फसलें-जूट,चाय, जड़ी-बूटियाँ।