नेपाल की जलवायु शीत प्रधान है।
(i) ताप-यहाँ की जलवायु पर्वतों से प्रभावित है। उत्तर की ओर बढ़ती ऊँचाई के साथ तापमान घटता जाता है। तराई भाग में औसत मासिक तापमान 15 से 32°C मिलता है। पर 2000 मीटर की ऊँचाई पर यह घटकर 4 से 16°C तक आ जाता है । काठमाण्डू का तापमान
जाड़े में 2°C से भी नीचे चला आता है जबकि गर्मी में 30°C तक चला जाता है। यहाँ मार्च से अगस्त तक ग्रीष्म ऋतु तथा सितम्बर से फरवरी तक शीत ऋतु रहती है।
(ii) वर्षा-गर्मी में मौनसूनी हवाओं से नेपाल के पूर्वी भागों में 200 सें. मी. तथा पश्चिम भाग में 100 सें. मी. सालाना वर्षा होती है । जाडे में देश के उत्तरी भाग में हिमपात होते हैं तथा शीतकालीन चक्रवातीय वर्षा भी होती है।
मृदा-नेपाल की तराई में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है। निचले पर्वतीय ढालों पर लैटराइट तथा मध्यपर्वतीय प्रदेश में अनउपजाऊ भूरी पॉडजोल मिट्टी पाई जाती है।
जलप्रवाह-नेपाल में पूर्व से पश्चिम तीन प्रमुख नदी तंत्र है-कोसी, गण्डक तथा घाघरा नदी । यहाँ की सबसे बड़ी नदी करनाली है, जो घाघरा की सहायक नदी तथा पश्चिमी नेपाल में बहती हुई भारत में प्रवेश करती है। मध्य नेपाल में गण्डक नदी जिसे यहाँ नारायणी नदी भी कहते हैं तथा पूर्वी नेपाल में कोसी को सप्तकोसी कहते हैं।
सभी नदियाँ उत्तर से दक्षिण प्रवाहित होकर भारत की सीमा में प्रवेश करती है। ढालुआँ भूमि होने के कारण इन नदियों में तीव्र प्रवाह होता है जिससे विद्युत उत्पादन की भारी संभावना है।